I have written " Mohabbat Ki Dastan" in Hindi on special request from my Hindi speaking friends . I hope you all will like it!
" मोहब्बत की दास्तान"
संजीदा रूमी (Sanjida Rumi)
तेरे ख्याल में डूब के अक्सर अच्छी लगी तन्हाई।मगर कियूं हम होश संभाले ? होश उड़े तोह उड़ जाने दो ! दिल कब सीधी राह चला है ? राह अगर मुड़े तोह मुद जाने दो। मजबूर यह हालात- इधर भी उधर भी। तनहाई की रात और चाहत हम दोनों में है। कहने को बहुत कुछ है ! तो कियों न कहे हम ? कब तक यूँही खामोश रहे ? और सही हम ?चलो!दुनिया की हर एक रस्म उठा दे।दीवार जो हम दोनों में है चलो आज गिरा दे। सुलगते रहे क्यूँ दिल में ? लोगों को बता
दे- हाँ ! हमको मुहब्बत है ! मुहब्बत है ! मुहब्बत! आज भी ओह दिन !ओह बातें ! ओह मिलना !" मोहब्बत की दास्तान"--- ज़िंदा है जैसे की पेहले दिन।
हम मिले तो प्यार के और एक सिलसिला शुरू हुआ। दूर तक-- हमारे प्येर का चर्चा शुरू हुआ। यह गिला है आपके निगाहों का। आंखोके दरमिया मेरी तसबीर छा गया। दिलो की बात आपके आँख से छलकी छलकी सब की नज़रोमे दिखाई देने लगा।आपके साँसों में बसी खुशबू मेरे।पूरी जहाँमेँ ओ महकने लगी। यह आपके प्यार की है जादूगरी। आपके आवाज़ गूंजती है कानों और दिल में मेरी। आपके प्यार का रंग है बहरो में। धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए। तेरे नज़रों से
न नज़र मिला पायी। क्या
कहूं ?
शर्म से हैं मेरे लब है सिले हुए। मेरा दिल है तेरी पनाहों में। तूने छुपा लिया मुझे तेरे बाहों में। मेरी तस्वीर है। तुम अक्सर बोलतेहो हो"तुम पास होती तो ऐसा होता। तुम पास होती तो ज़िन्दगी बदल जाती। तुम्हारी बाटे जैसे ठुमरी की गीत तुम्हारी हँसी जैसे चांदनी। तार यह तुम्हारी कंगन का मोती। हवा का झोंका है तुम्हारी सांसों की खुशबू। रिमझिम बरसात तेरी चूड़ियों की खनखन।आसमान है तुम्हारी अंचल। बारिश की भीगी बूंदे जैसे तुमने कानो कुछ कहा। मैंने पुछा बूंदों से सच सच बोलो, है राज़ क्या? बादल मेघ कहने लगी ये तो आस है तुम्हारी पासआने
में खुशियूं के। पर्वत की दीवानी। बरसे घटा मस्तानी वह। मुझ पर भी है तुम्हारी दी वानापन। संधि संधि खुशबू है- रिमझिम रिमझिम बूँदें गिरें कैसे महक उठी है ज़मीन यह । बदाल ने छलकाया है तुम्हारी प्येर प्यार देखो बेक़रार ज़मीन पे। मुझपे भी बरसाया है”।
मुझको भी महकाया है। छलकाया है बहकाया प्यार तुम्हारी मुझपे भी। तुम्हारे यह सरि बनते दिलमे शुलकती हुयी अपरमा। हम दोनों के तड़पना। एक जान ! एक आत्मा! तुम बदन है। मैं हूँ चाय! तुम न हो मैं कहाँ हूँ ? ऑय मेरे प्यार करने वाले- आप जहाँ हो मैं भी उहा। मेरे हमदमआपसे मिलना था-- यही है किस्मत। आपसे कैसे दूर रहूँ मैं। अय मेरे मोहब्बत। यैह तक अगाये हम यूँही साथ साथ चलते। अब क्यों बिछड़ना ? जा के मेरा साँस महके तेरे साँस में। मेरा दिल धड़के तेरे बाहोमे। मेरा बदन चहके
तेरे छूने से।तेरा प्यार है भीना भीना चन्दन ।
मेरा प्यार है जैसे तेरे दिलका आंगन।तेरे सीने
के मुलायम बल जैसे मलमल की चादर। कितने रात गुज़री
हुयी है तेरे सीने से लगाके। जिस रात तेरे बाहों में कटे तोह सुबह बड़ी हलकी
लगती है। सांस में तेरी सांस मिली तो मुझे सांस आयी। रूह ने छू ली जिस्म की खुशबू।
तू जो पास आयी। मेरी कसम ! मुझको फिर
से छू के कहे तुम" सांस में मेरी सांस मिली तोह तुझे सांस आयी - दूर तक
दिखती है राहों में। कल अगर न रही में दिनियाँमे। मेरे प्यार के हज़ार डीप हैं जले
हुए। दूर तक दिखती है राहों में। कल अगर न रही में दिनियाँमे। मेरे प्यार के
हज़ार डीप हैं जले हुए। तेरे ख्याल में डूब
के अक्सर अच्छी लगी तन्हाई। मगर कियूं हम होन्स
संभाले ? होश उड़े तोह ! उड़
जाने द !
मेरा प्यार है जैसे तेरे दिलका आंगन।तेरे सीने के मुलायम बल जैसे मलमल की चादर। कितने रात गुज़री
हुयी है तेरे सीने से लगाके। जिस रात तेरे बाहों में कटे तोह सुबह
बड़ी
हलकी
लगती है। सांस में तेरी सांस मिली तो मुझे सांस आयी। रूह ने
छू
ली जिस्म की
खुशबू। तू जो पास आयी। मेरी
कसम ! मुझको फिर से छू के कहे तुम " सांस में मेरी सांस मिली तोह तुझे सांस आयी "--दूर तक दिखती है
राहों में। कल अगर न रही में दिनियाँमे।
मेरे प्यार के हज़ार डीप हैं जले हुए।
যে কোন লেখা অনুবাদে তার নিজস্বতা হারিয়ে যায়। তবুও চেষ্টা করলাম
বাংলা অনুবাদ
মুহাব্বাত কি দাস্তান।"ভালোবাসার উপাখ্যান "
এইতো সেদিন তুমি আমায় জানালে-আমাদের ভালবাসার উপাখ্যান--"তোমায়
ভেবে মাঝে মাঝে একাকীত্বে ডুবে থাকতে ভালো-ই লাগে। তোমার থেকে দূরে থাকতে নয় ! তবে
কেন আমরা সুচিন্তিত পথেই চলবো ? অন্যের জন্য আমরা সচেতন ভয় ভয় থাকব ? মন যদি উড়ে যেতে
চায়!যাক না!মন কবে সোজা পথে চলেছে? মনের কি ভয় নিখিলের? আকাশে তারারা-মেঘের ঘনঘটা-আধার কুয়াশা হয় সাথী ! হোক না! পথের ঠিকানা!ছাড়িয়ে সীমানা পেরিয়ে মনের আলোয়
চিনে নেব পথ দুজন মিলে। নইলে কেমনে সইবো এই একাকী রাত অসহায় হাল স্থিতি -এই না পাওয়ার জ্বালা তোমার
আমার দুজনের।
আরো ! আরো ! অনেক কিছু বলার আছে ! তবে কেন বলি না চিৎকার করে ! কত আর নীরব থাকব? আর কত সইব দুজনে ? চল ! সমাজের সব নিয়ম নিষিদ্ধ করি ! দুজনার মাঝে ভেঙে ফেলি শক্ত যে দেয়াল। কেন নিজেরা জ্বলবো তুষের আগুনে প্রতিনিয়ত ? এই পৃবিথীকে জানিয়ে দি। হ্যা ! আমরা ভালোবাসি ! এখনও ! ভালোবাসি আমরা ! সেই দিন ! সেই রাত ! মধুর মিলন সেই বাসর রাত। ধ্রুব-তারার মত সত্য এখনও ! আমাদের প্রেম উপাখ্যান ! এক পরম্পরা ! দূরদূরান্তে এই প্রেমের গল্প লোকের মুখে গুঞ্জনে। আমি এর জন্য অবশ্য তোমার চোখ দায়ী ! সেখানে আমার প্রতিচ্ছবি ! তোমার মনের কথা ওই চোখ - দুটোতেই ঝলকে বেরিয়ে আসে তা অন্য কারো চোখ এড়ানো দায়। তোমার নিঃশ্বাসে আমার প্রশ্বাসের গন্ধ ছড়িয়ে পড়ে বাতাসে ! জগৎময় ! তোমার ছোঁয়া- তোমার হৃদয়-স্পন্দন তোমার বাহু বন্ধন বসন্তের সবটুকু রঙ !
লজ্জায় অধর কাঁপে চোখ বুঝে আসে তোমার অপলক তাকিয়ে দেখা। তুমি প্রায় বোলো " তুমি কাছে থাকে পৃথিবী বদলে যায়। তোমার কথা গাজালের ভাষা ! তোমার স্বর ঠুমরির সুর ! তোমার চোখ যেন ঝিলের অবগাহন ! তোমার হাসি চাঁদের জোৎস্না ! তারকরাশি তোমার কাকনের মনি-মুক্তো !বাতাসে ফুলের সৌরভ তোমার গায়ের গন্ধ ! বৃষ্টির রিমঝিম ছন্দ তোমার চুড়ির খনখন! আকাশ যেন তোমার আঁচল। বৃষ্টির টিপ্ টিপ্ শব্দ যেন কানে কানে কিছু বলছো । আমি বৃষ্টিকে শুধাই - সত্যি করে বোলো কি কথা সে
বলেছে আজ ? মেঘ বৃষ্টি উত্তর দেয় -সে খেপা নাচে ময়ূরের সাথে অঝোর ধারায়-তুমি কাছে এলে ”--
শুধু তুমি নয় গো ! আমিও চাই তোমায় -আমায় যেমন করে চাও তুমি। তুমি আমায় সম্পূর্ণ করেছো ! করেছো পরিণত ! আত্মার সাথী! এক দেহ! এক মন ! তুমি কাযা আমি তার ছায়া ! তোর আমার এই যে প্রেম -নিয়তির বিধান ! তুমি আছো তাই আমি আছি ! তুমি নেই আমি নেই কোথাও। ওগো আমাকে এত ভালোবাসার জন!তোমার মাঝেই আমার অস্তিত্ব! আমার মাঝে তোমার ! হে ঈশ্বর! তুমিই বোলো এখন আমরা দুজনে কেমনে থাকি বিচ্ছিন্ন খণ্ডিত থাকি।
সানজিদা রুমি কর্তৃক গ্রথিত http://www.alokrekha.com
अरे यार ! संजीदा तू तो बड़ी कलाकार लिकली। किये दास्ताँ लिखी है। दिल भ गया। बहुत बहुत धन्यवाद मेये निवेदन रखने के लिए। तुम्हारा "alokrekha" अब हम सब पढ़ेंगे। ढेर सारी शव कामना।
ReplyDeleteमोहब्बत की दास्तान"--संजीदा रूमी (Sanjida Rumi) बहुत बहुत शुक्रिया हमारे अनुरोध रखने के लिए। किये दास्ताँ लिखी है। बोटोट अच्छा लगा। तुम्हारा "अलोकरेखा" अब हम सब पढ़ेंगे। ढेर सारी सुवच्छा !
ReplyDeleteআলোকরেখা সত্যি একটা সংগ্রহশালা এখানে শুধু বাংলা ভাষা না অন্যান্য ভাষার চর্চাও আছে। হিন্দি ভাষী বন্ধুদের অনুরোধে সানজিদা রুমি লিখেছেন "মুহাব্বাত কি দাস্তান" সাথে বাংলায় অনুবাদ আমাদের পড়ার জন্য। সানজিদা রুমির এই উদ্দ্যেগ'কে সাধুবাদ জানাই। তার এই বহুমুখী প্রতিভা প্রশংসার অধিকারী।
ReplyDeleteमज़ा या गया ! तुम्हारा "alokrekha " अब हम सब के ! तू तो बड़ी कलाकार लिकली।" मोहब्बत की दास्तान" बहुत बहुत शुक्रिया हमारे अनुरोध रखने के लिए। किये दास्ताँ लिखी है। बोटोट अच्छा लगा। ढेर सारी सुवच्छा !
ReplyDeleteআলোকরেখা সত্যি অনন্য ! এখানে শুধু বাংলা ভাষা না অন্যান্য ভাষার লেখা পাচ্ছি। সানজিদা রুমি এত প্রতিভা ! প্রশংসা না করে থাকা যায় না। হিন্দি ভাষী বন্ধুদের বিশেষ অনুরোধে সানজিদা রুমি লিখেছেন "মুহাব্বাত কি দাস্তান" সাথে বাংলায় অনুবাদ আমাদের পড়ার জন্য। সানজিদা রুমির এই উদ্দ্যেগ'কে সাধূবাদ জানাই। তার এই বহুমুখী অধিকারী।
ReplyDeleteपढ़ते वक्त " मोहब्बत की दास्तान" . जितना अच्छा लगा उतने रोना आया ! अब हम सब के "alokrekha " ! आप बढ़िया कलाकार हो जी । बहुत बहुत शुक्रिया हमारे अनुरोध रखने के लिए। किये दास्ताँ लिखी है। बोटोट अच्छा लगा। ढेर सारी सुवच्छा
ReplyDeleteশুধু বিভিন্ন লেখক ও কবিদের ভালো গুণমানের লেখায় নয়- দৃষ্টি নন্দকও বটে । আলোকরেখা সত্যি একটি অনন্য অনলাইন লাইব্রেরি ! এখানে শুধু বাংলা ভাষা না অন্যান্য ভাষার লেখা পাচ্ছি। সানজিদা রুমি বহুমুখী প্রতিভা ওজন ছিল ! হিন্দি ভাষী বন্ধুদের বিশেষ অনুরোধে "মুহাব্বাত কি দাস্তান" হিন্দিতে লেখা। এর প্রশংসা না করে থাকা যায় না। "মুহাব্বাত কি দাস্তান"বাংলায় অনুবাদ আরো একটি অন্য মাত্রা। সানজিদা রুমির এই উদ্দ্যেগ'কে সাধূবাদ জানাই।
ReplyDeleteबहोत बहोत शुक्रिया जी। " मोहब्बत की दास्तान" - जितना अच्छा लगा उतने रोना आया ! एक प्येर दास्तान ऐसे बयान दिक् को छुं लिया। अब हम सब के "alokrekha "! आप बढ़िया कलाकार हो जी । बहुत बहुत शुक्रिया हमारे अनुरोध रखने के लिए। किये दास्ताँ लिखी है। बोटोट अच्छा लगा। ढेर सारी सुवच्छा !
ReplyDeleteबहोत बहोत शुक्रिया जी। " मोहब्बत की दास्तान" - जितना अच्छा लगा उतने रोना आया ! एक प्येर दास्तान ऐसे बयान दिक् को छुं लिया। ! आप बढ़िया कलाकार हो जी । बहुत बहुत शुक्रिया हमारे अनुरोध रखने के लिए। किये दास्ताँ लिखी है। बोटोट अच्छा लगा। अब हम सब के "alokrekha " ढेर सारी सुवच्छा !
ReplyDeleteकुछ लेखकों और कवियों लिख न केवल दृष्टि का एक अच्छी गुणवत्ता nandakao है। रे एक अनूठा ऑनलाइन पुस्तकालय है! बंगाली भाषा में लिखा ही अन्य भाषा नहीं कर सकता। रूमी एक बहुमुखी प्रतिभा Sanjida वजन था! हिंदी उनके अनुरोध में बोल हिन्दी में लिखा "muhabbataआंत निकासी किया"। झूठ की प्रशंसा नहीं कर सकते। "क्या आंत निकासी "alokrekha " एक और आयाम का अंग्रेजी अनुवाद।
ReplyDeleteमैं आप सब के आभारी हूँ। आपलोगोंने मेरे छोटी से कोशिश "मुहब्बत की दसदान " इतना पसंद कोरे। अब से नियमित हिंदी में प्रकाशित जारी रहे गए। यह एक लाइब्रेरारी अर्थात संग्रहशाला है। मेरी इच्छा है अलोकरेखा (ALOKREKHA )पूरे विश्व में च जाये।बहुत सारे धन्यवाद और शुभकामनाएं।
ReplyDeleteSanjida तुम्हें बहुत बहुत मुबारक !ओर कामियाब है! 300.000 रे पाठक पहुँचने के लिए बधाई। फूलो फलो और तरक्की करो। बहुत सारि शव कामना !
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